दुनिया के कई देशों में कोरोना का कहर अभी भी जारी है लेकिन भारत में तीसरी लहर के बाद कोरोना का गंभीर असर नहीं दिखा. जिसका मुख्य कारण बड़े पैमाने पर देश में होने वाला वैक्सीनेशन रहा. लेकिन पिछले कुछ समय से वैक्सीनेशन की रफ्तार कम हुई है जिससे सरकार चिंतित है. इसी को चलते अब सरकार ने ‘हर घर दस्तक 2.0’ कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है जो जून से जुलाई तक दो महीने चलेगा. इस कार्यक्रम में छूट गए लोगों में पहली, दूसरी और एहतियाती (प्रिकॉशन) डोज लगाने पर जोर रहेगा. बुजुर्गों में वैक्सीनेशन पर खास ध्यान दिया जाएगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक में घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने के कार्यक्रम की जानकारी दी. जिसके मुताबिक ये कार्यक्रम जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर तक चलाया जाएगा. स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि सभी पात्र लाभार्थियों को पूर्ण टीकाकरण के दायरे में लाने के लिए मिशन मोड में जुट जाएं. वृद्धाश्रमों, स्कूलों, कॉलेजों, जेलों, ईंट भट्टों आदि के लिए खासतौर से अभियान चलाएं. 12-18 वर्ष की आयु के स्कूल से वंचित बच्चों की लिस्ट बनाकर टीकाकरण कराएं. सुनिश्चित किया जाए कि 60 साल और उससे ऊपर के ज्यादातर लोगों में बूस्टर डोज़ लगे.
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