कोरोनावायरस और उसके नए संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच एक बार फिर राहत भरी खबर सामने आई है. एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना महामारी 2022 में खत्म हो जाएगी. तब संक्रमण भले ही चलता रहेगा, लेकिन मृत्यु दर बेहद कम हो जाएगी. जिसके चलते नई बूस्टर डोज या वैक्सीन कॉकटेल की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. एम्स के वैक्सीनेशन ट्रायल इंचार्ज और पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट हेड डॉक्टर संजय राय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि तीसरी लहर के बाद भारत में कोरोना पेंडेमिक की जगह एंडेमिक में बदल जाएगा. विश्व में भी यह महामारी धीरे-धीरे खात्मे की ओर होगी.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर जिसके पीछे डेल्टा म्यूटेशन महत्वपूर्ण कारण था. उस वक्त देश के सभी बड़े शहरों में नेचुरल इंफेक्शन 70 फीसदी से अधिक हो चुका था, जो अब ओमीक्रॉन की हाई इन्फेक्शन रेट के कारण अधिकांश आबादी को संक्रमित कर देगा. जिसके बाद नेचुरल इन्फेक्शन पूरे देश में होगा और सभी रिसर्च में यह पता चला है कि वैक्सीन से ज्यादा बचाव नेचुरल इंफेक्शन से होता है. ऐसे में लगता है कि तीसरी लहर के बाद भारत में कोरोना पेंडेमिक की जगह एंडेमिक में बदल जाएगा और विश्व में भी यह महामारी धीरे-धीरे खात्मे की ओर होगी. उसके बाद कोरोनावायरस का संक्रमण भले ही चलता रहेगा, लेकिन मृत्यु दर बेहद कम हो जाएगी.
नई बूस्टर डोज की जरूरत नहीं
WHO का भी यही मानना है कि बार-बार बूस्टर डोज देने से फायदा नहीं है, उल्टा नुकसान हो सकता है तीन बार वैक्सीन देने के बाद लोगों में दिल की बीमारियों की संभावना काफी बढ़ जाती है. इसलिए बूस्टर डोज के टीकाकरण की अब जरूरत नहीं रह गई है. जिस तरह से हमारे शरीर में दवाइयों के खिलाफ किसी बीमारी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, वैसा ही टीकाकरण के साथ भी होता है. अलग-अलग वैक्सीन देने से नए म्यूटेशन के जन्म की संभावना ज्यादा हो जाती है.
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